An excerpt from the above Book :
"मन साधे जीवन सधे - मन का बल शारीर के बल से भी बड़ा है ! इसके आभाव में शारीरिक बल भी किसी काम का नहीं होता .देखा गया हैं की उत्तम स्वस्थ्य वाले व्यक्तियों को भी जब मानसिक अघात लगता हैं तो वह अपनी स्थिती संभाल नहीं पाते और अपने सामान्य जीवन क्रम से गिरकर स्वय ही अपनी दशा दयनीय बना डालते हैं .........
सफलता का एक आधार है व्यक्ति का मनोबल !यह सच हा की सफलता आदमी का मनोबल बढ़ाती है , पर क्रिया क्षेत्र मैं यह बात सदैव संभव नहीं हैं .संघर्ष करते हुए सफलता के साथ असफलता भी हो सकती हैं ! आशा के साथ ही निराशा की उत्पति भी हो सकती हैं ! मनोबल की परीक्षा का यही समय होता हैं !आशायुक्त जीवन से निरंतरता आती हैं तो निराशा से निकम्मापन भी आ सकता हैं .यहाँ परिस्थित ना संभले तो मनुष्य के सारे प्रयास व्यर्थ हो सकतें !इसलिए यह बहुत ज़रूरी बात है की सफलता की आशा रखे और असफलता के समय धैर्य भी जागृत रखें . किसी भी अवस्था में मनोबल क्षीण न हो., तो रुक कदम रुक नहीं रहता , निराशा आशा में बदल जाती और हारी बाज़ी फिर से जीत में बदल जाती हैं !........"
Acharya Shriram Sharma has illustrated this book with short stories and examples of people who accomplished great feats through sheer strength of will. This book makes for a very inspirational and motivational read.
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