Dear Readers -
Enclosed here are some fabulous Quotes in Hindi from Acharya Shriram Sharma's books. These quotes are on a variety of subjects and are excerpts from the books penned by Acharya Shriram Sharma.
If you would like to read Acharya Shriram Sharma's Literature , please visit our ONLINE BOOK STORE for a free read of these Books.
Additionally our Life Transforming Books section combines Literature from Acharya Shriram Sharma as well as Ramakrishna Paramhansa, Swami Vivekananda and other prolific Vedantists.
The importance of reading "good books" and why we should engage in the pursuit of Knowledge:
बुद्धि की देवी गायत्री के प्रत्येक उपासक के लिए स्वाध्याय भी उतना ही आवश्यक धर्मं कृत्य है , जितना की जप , ध्यान , पाठ आदि. ।
Enclosed here are some fabulous Quotes in Hindi from Acharya Shriram Sharma's books. These quotes are on a variety of subjects and are excerpts from the books penned by Acharya Shriram Sharma.
If you would like to read Acharya Shriram Sharma's Literature , please visit our ONLINE BOOK STORE for a free read of these Books.
Additionally our Life Transforming Books section combines Literature from Acharya Shriram Sharma as well as Ramakrishna Paramhansa, Swami Vivekananda and other prolific Vedantists.
The importance of reading "good books" and why we should engage in the pursuit of Knowledge:
बुद्धि की देवी गायत्री के प्रत्येक उपासक के लिए स्वाध्याय भी उतना ही आवश्यक धर्मं कृत्य है , जितना की जप , ध्यान , पाठ आदि. ।
बिना स्वाध्याय के , बिना ज्ञान की उपासना के बुद्धि पवित्र नहीं हो सकती , मानसिक मलिनता दूर नहीं हो सकती, और बिना इस सफाई के बिना माता का सच्चा प्रकाश कोई उपासक अपने अन्तः करण में अनुभव नहीं कर सकता ।
जिसे स्वाध्याय से प्रेम नहीं हैं उसे गायत्री उपासना से प्रेम है यह माना नहीं जा सकता ।
बुद्धि की देवी गायत्री का सच्चा भोजन स्वधयाय ही है । ज्ञान के बिना मुक्ति संभव नहीं । इसलिए गायत्री उपासना के साथ ज्ञान की उपासना भी अविछिन्न रूप से जुडी हुई हैं ।
-पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य
The secret of success - Combining bodily ability with mental strength :
आधे अधूरे मन से कभी काम नहीं करना चाहिए । शारीर और मन की जब शक्ति जुड़ जाती है , तब आदमी बडे से बडे कार्य भी आसानी से कर सकता है । जितने भी महापुरुष हुए है , उन्होने मन लगाकर कार्य किया है , तभी सफलता मिली है । जो भी काम आपको सौपा गया है , उसे मन लगाकर करो ।
-पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ( Book-पेज १०८ - पूज्य गुरुदेव के कुछ मार्मिक संस्मरण )
How to have illustrious children ?
आप पहले अपने परिवार में इस तरह का त्यागमय वातावरण बनाइये जैसे कि दशरथ के यहाँ था , और जैसा कि राम सीता , लक्ष्मण -उर्मिला आदि का त्यागमय जीवन था । वैसा वातावरण आपके घर परिवार का होगा तभी यह हो सकता है । उर्मिला का त्याग सीता जी से भी ज़यादा है । जिस घर में ऐसा वातावरण होगा वहाँ संस्कारवान बच्चे पैदा होंगे ।
रामचंद्र जी और भरत जी गेंद खेल रहे थे । भारत जी खेलने में कमज़ोर थे , परन्तु रामचंद्र जी उन्हे बार बार जिता देते थे । अपने से छोटों कि हिम्मत औए इज़ज़त बढ़ाने देने में ही महानता है - हारा आदमी जीत जाता है । रामचन्द्र जी ने भरत को गुलाम बना लिया । सारी ज़िन्दगी वे रामचन्द्र जी के गुलाम रहे ।
यह है भगवान का स्वाभाव जो कि हमारे लिए प्रेरणा लेने एवं देने लायक है ।
-पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य (Book - भगवान राम के चरित्र प्रेरणा स्रोत्र )
Thoughts have great power and strength. Acharya Shriram Sharma dedicated his literature to clarifying the thoughts of people and, therefore provided people with valuable solutions to their problems. An excerpt in his own words:
विचारों के अन्दर बहुत बड़ी शक्ति होती है । विचार आदमी को गिरा सकतें है और विचार ही आदमी को उठा सकतें है । आदमी कुछ नहीं हैं विचारों का बना हुआ है । विचारों से आदमी देवता ऋषि महात्मा ही नहीं परमात्मा बन जाता है, और विचारों से ही आदमी डाकू लूटेरा बन जाता है ।
छोटी छोटी बातों को लोग इतना बड़ा कर देतें है की वह समस्या हो जाती है । विचारों की सफाई के लिए ही हमने सारा साहित्य लिखा है। जो भी साहित्य हमने लिखा है , इससे प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं का हल हो सकता है ।
जो व्यक्ति हमारे विचारों को पढ़ेगा उसके घर मैं स्वर्ग बना रहेगा । मेरे विचारों को घर घर पहुँचाना ही मेरी सच्ची सेवा है ।
अगर समस्याओं का हल करना है तो हमारे विचारों से समस्याओं का हल होग। चाहे आज कर लो , चाहे सौ वर्ष के बाद । गायत्री माने ऊँचें विचार , यज्ञ माने परोपकार । जब तक व्यक्ति निकृष्ट विचार वाला और स्वार्थी रहेगा तब तक समस्याओं का हल हो ही नहीं सकता ।
शंकराचार्य अगर अपनी माँ का कहना मानते तो एक पंडित या प्रतिष्टित कथा वाचक ही बनकर रह जाते, वे शंकराचार्य नहीं बन सकते थे । उनके विचारों ने उन्हे शंकराचार्य ही नहीं बल्कि शिव का अवतार बना दिया ।
विवेकानंद नौकरी करते तो वे केवल बडे बाबु बन सकते थे , वे धर्मं गुरु नहीं बन सकते थे , जिन्होने भारतीय संस्कृति का प्रचार विदेशों में जाकर किया ।
गुरु नानकदेव अगर व्यापार करते तो , दो चार दुकानों के मालिक बन सकते थे , सिखों के गुरु नहीं बन सकते थे ।
गाँधी वकालत करते तब दो चार लाख रुपैय्या ही कम सकते थे , परन्तु महात्मा गाँधी नहीं बन सकते थे ।
बेटा विचारों में बड़ी शक्ति है , जो भी मेरे विचारों को पढ़ेगा उसको लाभ अवश्य होगा । जो कोर पूजा पाठ , भोग , फूल, माला, आदि तक ही सिमित रह जाता है , वह हमेशा खाली हाथ ही रहेगा । जो थोडा भी समय मेरे विचारों को फेलाने में लगाएगा उसे मेरा आशीर्वाद अवश्य मिलेगा ।
-पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य (Book: पेज ५५-५६- पूज्य गुरुदेव के कुछ मार्मिक संस्मरण )
*******
आधे अधूरे मन से कभी काम नहीं करना चाहिए । शारीर और मन की जब शक्ति जुड़ जाती है , तब आदमी बडे से बडे कार्य भी आसानी से कर सकता है । जितने भी महापुरुष हुए है , उन्होने मन लगाकर कार्य किया है , तभी सफलता मिली है । जो भी काम आपको सौपा गया है , उसे मन लगाकर करो ।
-पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ( Book-पेज १०८ - पूज्य गुरुदेव के कुछ मार्मिक संस्मरण )
How to have illustrious children ?
आप पहले अपने परिवार में इस तरह का त्यागमय वातावरण बनाइये जैसे कि दशरथ के यहाँ था , और जैसा कि राम सीता , लक्ष्मण -उर्मिला आदि का त्यागमय जीवन था । वैसा वातावरण आपके घर परिवार का होगा तभी यह हो सकता है । उर्मिला का त्याग सीता जी से भी ज़यादा है । जिस घर में ऐसा वातावरण होगा वहाँ संस्कारवान बच्चे पैदा होंगे ।
रामचंद्र जी और भरत जी गेंद खेल रहे थे । भारत जी खेलने में कमज़ोर थे , परन्तु रामचंद्र जी उन्हे बार बार जिता देते थे । अपने से छोटों कि हिम्मत औए इज़ज़त बढ़ाने देने में ही महानता है - हारा आदमी जीत जाता है । रामचन्द्र जी ने भरत को गुलाम बना लिया । सारी ज़िन्दगी वे रामचन्द्र जी के गुलाम रहे ।
यह है भगवान का स्वाभाव जो कि हमारे लिए प्रेरणा लेने एवं देने लायक है ।
-पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य (Book - भगवान राम के चरित्र प्रेरणा स्रोत्र )
Thoughts have great power and strength. Acharya Shriram Sharma dedicated his literature to clarifying the thoughts of people and, therefore provided people with valuable solutions to their problems. An excerpt in his own words:
विचारों के अन्दर बहुत बड़ी शक्ति होती है । विचार आदमी को गिरा सकतें है और विचार ही आदमी को उठा सकतें है । आदमी कुछ नहीं हैं विचारों का बना हुआ है । विचारों से आदमी देवता ऋषि महात्मा ही नहीं परमात्मा बन जाता है, और विचारों से ही आदमी डाकू लूटेरा बन जाता है ।
छोटी छोटी बातों को लोग इतना बड़ा कर देतें है की वह समस्या हो जाती है । विचारों की सफाई के लिए ही हमने सारा साहित्य लिखा है। जो भी साहित्य हमने लिखा है , इससे प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं का हल हो सकता है ।
जो व्यक्ति हमारे विचारों को पढ़ेगा उसके घर मैं स्वर्ग बना रहेगा । मेरे विचारों को घर घर पहुँचाना ही मेरी सच्ची सेवा है ।
अगर समस्याओं का हल करना है तो हमारे विचारों से समस्याओं का हल होग। चाहे आज कर लो , चाहे सौ वर्ष के बाद । गायत्री माने ऊँचें विचार , यज्ञ माने परोपकार । जब तक व्यक्ति निकृष्ट विचार वाला और स्वार्थी रहेगा तब तक समस्याओं का हल हो ही नहीं सकता ।
शंकराचार्य अगर अपनी माँ का कहना मानते तो एक पंडित या प्रतिष्टित कथा वाचक ही बनकर रह जाते, वे शंकराचार्य नहीं बन सकते थे । उनके विचारों ने उन्हे शंकराचार्य ही नहीं बल्कि शिव का अवतार बना दिया ।
विवेकानंद नौकरी करते तो वे केवल बडे बाबु बन सकते थे , वे धर्मं गुरु नहीं बन सकते थे , जिन्होने भारतीय संस्कृति का प्रचार विदेशों में जाकर किया ।
गुरु नानकदेव अगर व्यापार करते तो , दो चार दुकानों के मालिक बन सकते थे , सिखों के गुरु नहीं बन सकते थे ।
गाँधी वकालत करते तब दो चार लाख रुपैय्या ही कम सकते थे , परन्तु महात्मा गाँधी नहीं बन सकते थे ।
बेटा विचारों में बड़ी शक्ति है , जो भी मेरे विचारों को पढ़ेगा उसको लाभ अवश्य होगा । जो कोर पूजा पाठ , भोग , फूल, माला, आदि तक ही सिमित रह जाता है , वह हमेशा खाली हाथ ही रहेगा । जो थोडा भी समय मेरे विचारों को फेलाने में लगाएगा उसे मेरा आशीर्वाद अवश्य मिलेगा ।
-पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य (Book: पेज ५५-५६- पूज्य गुरुदेव के कुछ मार्मिक संस्मरण )
*******
Source and credits :
If you would like to know more about Acharya Shriram Sharma and his Divine mission - please click enclosed the wikipedia link .
If you would like to read Acharya Shriram Sharma's Literature online , please click the enclosed link.
Acharya Shriram Sharma and Ramakrishna Paramhansa are one and the same. Please visit our Life Transforming Books sections to read a cross section of Great Books.
If you would like to know more about Acharya Shriram Sharma and his Divine mission - please click enclosed the wikipedia link .
If you would like to read Acharya Shriram Sharma's Literature online , please click the enclosed link.
Acharya Shriram Sharma and Ramakrishna Paramhansa are one and the same. Please visit our Life Transforming Books sections to read a cross section of Great Books.
1 comment:
wonderful information, I had come to know about your blog from my friend nandu , hyderabad,i have read atleast 7 posts of yours by now, and let me tell you, your website gives the best and the most interesting information. This is just the kind of information that i had been looking for, i'm already your rss reader now and i would regularly watch out for the new posts, once again hats off to you! Thanks a ton once again, Regards, Swami Vivekananda Quotes in Hindi
Post a Comment